देख ले, निज रूप प्यारे, गुरु चरण अनुराग रे।
देख ले, निज रूप प्यारे, गुरु चरण अनुराग रे
कौन हूँ मैं, क्यों आया यहाँ,
कहाँ से आया, जाना कहाँ?
जो ये सब जाने, वही परम सयाना रे।
देख ले, निज रूप प्यारे, गुरु चरण अनुराग रे।
बहुत आसान है सबको जानना,
पर मुश्किल है खुद को पहचानना।
गुरु के शक्तिपात से, अपनी आत्मा को जान रे।
देख ले, निज रूप प्यारे, गुरु चरण अनुराग रे।
साक्षी-भाव धर, देह भाव तज,
हर स्वांस में कर, गुरु मंत्र का जप।
यही अ-जपा जप, आत्म-ध्यान का राज़ रे।
देख ले, निज रूप प्यारे, गुरु चरण अनुराग रे।
जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति पार
चौथा तुरीय, है आधार।
तुरीय में जो लीन रहे, असली वही स्वरूप रे।
देख ले, निज रूप प्यारे, गुरु चरण अनुराग रे।
दिन-रात गई, आयु भी घटी,
समय खोना नहीं, पास मौत खड़ी।
अगला जन्म नीच न होवे, गुरु शरण ही उपाय रे।
देख ले, निज रूप प्यारे, गुरु चरण अनुराग रे।
Copyright © 2024 Noble World Foundation
Song 2: Lyrics
जो भीतर देखे, वो सत्य को पाए,
अपनी ही आत्मा में ब्रह्म समाए।
दूसरों की खोज में सबने समय गंवाया,
भीतर जो छिपा था, उसे कभी ना पाया।
जिसने खुद को समझा, वो जान गया,
सच्चे सुख का द्वार वहीं मान गया।
जो भीतर देखे, वो सत्य को पाए,
अपनी ही आत्मा में ब्रह्म समाए।
दुनिया की माया में भटका हर इंसान,
भीतर छिपा सत्य, पर रहा अनजान।
जिसने भीतर झांका, सब कुछ पा लिया,
भीतर की खोज से ब्रह्म जान लिया।
जो भीतर देखे, वो सत्य को पाए,
अपनी ही आत्मा में ब्रह्म समाए।
बाहर का दिखावा, सब झूठा सपना,
भीतर का उजाला, सच्चा अपना।
दूसरों को खोजा, तो खाली हाथ रहा,
भीतर को देखा, तो जग सारा मिला।
जो भीतर देखे, वो सत्य को पाए,
अपनी ही आत्मा में ब्रह्म समाए।
मृत्यु में गिरता है स्थूल का भार,
सूक्ष्म का रहता जीवन से प्यार।
परम मृत्यु आए तो सब मिट जाए,
स्थूल और सूक्ष्म, ब्रह्म में समा जाए।
जो भीतर देखे, वो सत्य को पाए,
अपनी ही आत्मा में ब्रह्म समाए।
जैसे बूंद सागर में समा जाए,
अपना हर बंधन वहीं मिट जाए।
बूंद से सागर, यही तो कहानी,
आत्मा से ब्रह्म, यही अंतिम वाणी।
जो भीतर देखे, वो सत्य को पाए,
अपनी ही आत्मा में ब्रह्म समाए।
Copyright © 2024 Noble World Foundation
Shiv R. Jhawar’s devotional songs, inspired by his Kundalini awakening during Swami Muktananda’s 1974 public talk, calls for self-realization. The world needs more Buddhas, Jesuses, and Krishnas—not more followers. Discover your divinity through it.
These songs are not merely compositions but are imbued with spiritual energy that could awaken the divine within you and ignite your spiritual journey.
Support Our Mission: 💖 Support Noble World Foundation’s mission to promote inner transformation and global peace.
ईश्वर है शक्ति, व्यक्ति नाहीं,
बुद्धि से उसको जाना न जाई।
जिसे विज्ञान कहे ऊर्जा शाश्वत,
उसे अध्यात्म कहे ईश्वर अनन्त।
स्रष्टा तो अपनी सृष्टि में समाया,
हर कण, हर जीव में घर बसाया।
ईश्वर है शक्ति, व्यक्ति नाहीं,
बुद्धि से उसको जाना न जाई।
गुरु वही, जो शक्ति का संचार करे,
शिष्य को निज आत्मा में तन्मय करे।
शिष्य वही, जो देह से गुरु का दास बने,
जीव से अंश, आत्मा से स्वयं गुरु बने।
ईश्वर है शक्ति, व्यक्ति नाहीं,
बुद्धि से उसको जाना न जाई।
सृष्टि, स्थिति, लय, निग्रह, अनुग्रह,
पंचम शक्ति है ईश्वर का अनुग्रह।
अनुग्रह का अर्थ है गुरु से शक्तिपात,
शक्तिपात से हो आत्मा का प्रकाश।
ईश्वर है शक्ति, व्यक्ति नाहीं,
बुद्धि से उसको जाना न जाई।
सुख-दुःख का कारण बाहर नहीं,
मन की दशा में दोनों बसते यहीं।
जो मन में रखे शुद्ध विचार,
वे ही पाते सुख-शांति अपार।
ईश्वर है शक्ति, व्यक्ति नाहीं,
बुद्धि से उसको जाना न जाई।
Copyright © 2024 Noble World Foundation
Look within, discover your Light,
In the prophet’s refuge, take your flight.
Who am I, and why am I here?
From where I came, and where I steer?
The one who seeks these answers is wise,
On truth’s path, the soul will rise.
Look within, discover your Light,
In the prophet’s refuge, take your flight.
Knowing others is an easy art,
But knowing the Self is the hardest part
Only Shaktipat from the prophet ignites,
The sacred flame that reveals your Light.
Look within, discover your Light,
In the prophet’s refuge, take your flight.
Embrace the witness, let the body’s guise fade,
In each breath, hear the sacred truth conveyed.
This natural mantra reveals meditation’s key,
A timeless path to set your spirit free.
Look within, discover your Light,
In the prophet’s refuge, take your flight.
Beyond the states of wake, dream, and rest,
Turiya, the fourth, is the soul’s true quest.
Merge in this realm, so tranquil, so pure,
Where the true Self forever endures.
Look within, discover your Light,
In the prophet’s refuge, take your flight.
Time slips by as night turns to day,
Don’t delay—death is on its way.
To escape the chain of lower birth’s pain,
Seek the prophet’s refuge, the ultimate gain.
Look within, discover your Light,
In the prophet’s refuge, take your flight.
Copyright © 2024 Noble World Foundation